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सम्राट अशोक
सम्राट अशोक एक ऐसी नाट्य रचना है जो व्यक्ति के हृदय परिवर्तन एवं व्यक्तिगत रूपांतरण का पूरा मनोवैज्ञानिक चित्र रपति करता है अपने अहंकारी क्रूर हिंसक और सहिष्णुता रूप में चंद अशोक चंद अशोक एक तरफ जिस रूप में दिखाई देता है वहीं दूसरी तरफ हृदय परिवर्तन के पश्चात उसी का संपूर्ण व्यक्तित्व ही बदलकर अहिंसा प्रेम करना और प्राणी मात्र के लिए दया से भर जाता है चंद अशोक से धम्मा अशोक के यात्रा कई अर्थों में आज भी बहुत ही प्रासंगिक समसामयिक एवं सर्वोत्तम रूप में दिखाई देती है बस देखने वाले की दृष्टि और संस्कार का प्रश्न है
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FACTS:
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