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मेरे भाई - मेरे दोस्त 

​यह एक राष्ट्रवादी डॉ मिर्ज़ा की कथा है। जिनके घर उनके दिवंगत दोस्त का बेटा एक पाकिस्तानी जासूस बन करके आता है, और उनके राष्ट्रवादी चिंतन को दुष्प्रभावित करने का प्रयत्न करता है। नाटक विघटनकारी चिंतन को चुनौती देते हुये, हिन्दू-मुस्लिम एकत्व को नाटकीय एवं मनोरंजक मुहावरे में प्रतिष्ठित करता है। नाटक की भाषा उर्दू बहुल हिंदुस्तानी है, जो सामनी दर्शक से नाटक को जोड़ने में सफल होती है। 

FACTS:

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